गरीबों के कल्याण का खोखला दावा करने वाली सरकारों की नाकामियों के कारण भिन्न-भिन्न जरूरतों से ग्रामीण महिलाएं लगातार फाइनेंस कंपनियों के ऋण जाल में फंसती जा रही हैं। स्थिति इतनी विकट हो गई है कि मेहनत-मजदूरी कर सारी कमाई का किस्त भरने के बावजूद घर में खाने के लाले पड़ने शुरू हो गए हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।