वर्ष 2070 तक देश को कार्बन उत्सर्जन से पूरी तरह से मुक्त करने के लक्ष्य को लेकर मुहिम तेज हो गई है। हालांकि यह लक्ष्य इतना आसान नहीं है, लेकिन सरकार ने फिलहाल अपने सभी सरकारी भवनों की छतों को सोलर पैनल (रुफ टॉप सोलर) से लैस करने को लेकर अभियान छेड़ दिया है।इस दिशा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आगे बढ़ते हुए अपने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से अपने भवनों की छतों को सोलर पैनल से लैस करने के निर्देश दिए है। आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखे पत्र में कहा है कि इस पहल से बिजली की बचत होगा।साथ ही स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ रहे देश को इससे मदद भी मिलेगी। यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से इस दिशा में योजना तैयार तक तेजी से आगे बढ़ने का सुझाव दिया है। बता दें कि पीएम मोदी ने ग्लास्गो में हुई कॉप-26 में दुनिया को पंचामृत का संदेश दिया था। जिसमें अपने लक्ष्यों की घोषणा की थी।साथ ही कहा था कि 2030 तक भारत ने 500 गीगा वाट नॉन फासिल एनर्जी को पैदा करने का लक्ष्य रखा है। अभी देश में बिजली का बड़े पैमाने पर उत्पादन कोयले से होता है।साथयों,?क्या सोलर पैनल के उपयोग से बिजली की समस्या का समाधान हो पाएगा ? क्या यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के भवनों की छतों को सोलर पैनल से लैस करने का निर्देश सही है ?अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नंबर 3.