नदी की पानी पीने को विवश है बिरहोर परिवार :- आदिम जनजाति परिवार के जीवन शैली में बदलाव और इनके जीवन शैली मे बदलाव को लेकर सरकार तरह-तरह के दावे करती हैं, लेकिन हकीकत में होता कुछ और है, सरिया प्रखंड के अमनारी पंचायत में रह रहे बिरहोर परिवारों के बीच इस बारिश में रहने के छत नहीं है मीना देवी बताती है कुछ वर्ष पहले हम लोगों को घर मिला था लेकिन उसका छत अब जर्जर हो चुका है और पानी पूरे घर में जमा रहता है, एक कमरे का मकान जिसमें हम लोग भी रहते हैं बेटी बहू भी रहती हैं जिसके कारण हम लोगों को रहने बहुत सारी समस्याएं होती है, सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में पूछने पर बताती हैं कि इस मोहल्ले में कुल 35 बिरहोर परिवार रहते हैं लेकिन सिर्फ अच्छा परिवार को छोड़कर किसी को भी उज्जवला योजना का लाभ नहीं मिला, पीने के पानी की समस्या है हमारे मोहल्ले में जल मीनार लगी हुई लेकिन वह वर्षो से खराब पड़ी है जिसे कर मजबूरन हम सब परिवारों को नदी का पानी पीना पड़ रहा है, हमारे बच्चे बीमार हो रहे हैं लेकिन किसी भी प्रकार की कोई सरकारी सहायता भी हम लोगों को नहीं मिल रही। बारिश के दिनों मे रहने मे हो रही परेशानी :- बरसात की मौसम शुरू होते ही इन परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पडती है, मीणा देवी बताती हैं की हमारे परिवार हम दो लोग, मेरा बेटा मेरी बहु सबों को एक साथ एक छोटे से कमरे मे सोने के विवश होना पड़ता है, छत का एलबेस्टर कई जगहों से जंग लगने की वजह छेद हो गया, पूरा पानी पानी मे डूब जाता है, हमारी सरकार से मांग है की हमें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। वर्षों से ख़राब है जलमिनार :- बिरहोर परिवार को अच्छी और स्वच्छ पानी मिलने के उद्देश्य एक जल मीनार का निर्माण करवाया गया था, लेकिन संवेदक की मनमानी से जल मीनार के निर्माण कार्य में गुणवत्ता ख्याल में रखा गया जिसका परिणाम यह है कि कुछ जिन लोगों को पानी मिला उसके बाद से ही जलना का मोटर खराब होने के कारण पानी मिलना बंद हो गया है, ग्रामीणों ने कहा कि हमने इसकी शिकायत बार बार उच्चाधिकारियों से किया लेकिन आज तक जलमिनार नहीं बना और हम सबों का परिवार नदी का पानी पीने को विवश है। उज्जवला योजना का नहीं मिला लाभ :- सरकार के द्वारा चलाये जा रहे महत्वकांक्षी योजना उज्जवला योजना का लाभ सबों को नहीं मिला, जिसके कारण आज़ भी लोग लकड़ी पर खाना बना कर अपना भरन पोषण कर रहे हैं।