मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?
पलायन के नुक्सान और फायदे
उत्तरप्रदेश राज्य के बाँदा जिला से खेम सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्राइवेट कम्पनियों के मालिक मजदूरों के साथ शोषण करते हैं। मजदूर अपना गाँव छोड़ कर दूसरे शहर व राज्य जाते हैं कमाने के लिए। लेकिन कंपनी मालिक उन्हें समय पर और सही वेतन नहीं देते हैं। मजदूर इसके लिए कहीं शिकायत भी नहीं कर पाते हैं