दोस्तों इस तरह के बाबाओं द्वारा चलाई जा रही धर्म की दुकानों पर आपका क्या मानना है, क्या आपको भी लगता है कि इन पर रोक लगाई जानी चाहिए या फिर इनको ऐसे ही चलते ही रहने देना चाहिए? या फिर हर धर्म और संप्रदाय के प्रमुखों द्वारा धर्म के वास्तविक उद्देश्यों का प्रचार प्रसार कर अंधविश्वास में पड़े लोगों को धर्म का वास्तविक मर्म समझाना चाहिए। जो भी आप इस मसले पर क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें ग्रामवाणी पर

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं और सत्तारूढ़ दल की लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं ऐसी ही एक व्यवस्था है। जिसमें सरकार और सत्तारूढ़ दल को नियमित अंतराल पर लोगों द्वारा चुना जाता है, वे दुनिया भर में फैले हुए हैं और लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित हैं जिसमें लोगों को अपने नेताओं को चुनने की स्वतंत्रता है। सरकारी निर्णयों को चुनने और उनमें भाग लेने की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को समान संवेदनशीलता और सरकारी प्रतिनिधित्व के माध्यम से संरक्षित किया जाता है। ये प्रक्रियाएँ लगातार विकसित हो रही हैं ताकि लोगों का विश्वास और विश्वास सुरक्षित रहे। सत्तारूढ़ दल के लिए समर्थन बनाए रखना लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका अर्थ है कि सरकार की स्थापना लोगों द्वारा चुने गए नेताओं और उनके कार्यकाल को पूरा करने के माध्यम से की जानी चाहिए।

दोस्तों नई सरकार का गठन हो गया है। ऐसे में सरकार से आपकी क्या अपेक्षाए हैं, क्या आपको भी लगता है कि लोकतंत्र के संस्थानों के उनके नियमों के अनुसार ही काम करना चाहिए या सरकार का रुख ठीक है कि वह चुनकर सत्ता में आए हैं, तो अब उनकी मर्जी है कि वे कैसे चलाते हैं। इस मसले पर अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से पूनम वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लोकतंत्र में चुनाव एक प्रक्रिया है। किसी भी आदमी को समान अधिकार व हक देने के लिए उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य होता है। कुछ नागरिक समूह किसी नागरिक अधिकार के लिए ऐतिहासिक राजनितिक दलों के सामने अपनी मांगे उठाते हैं। साथ ही देश के विकाश में भागीदारी निभा सके।

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ प्रधानमंत्री की एक कल्याणकारी योजना है जो अच्छी तरह से और सुचारू रूप से चल रही है। लोगों को अपनी बेटियों को भी अच्छी तरह से शिक्षित करना चाहिए। कुछ लोग हैं जो कहते हैं कि नई बेटियों को कम पढ़ाया जाना चाहिए, हम अपने बेटे को बढ़ावा देंगे। अगर बेटी पढ़ती है तो वह भविष्य में मां बनेगी। वह भी एक बच्चे को जन्म देगी, तभी वह अपने बच्चों को पढ़ा पाएगी, नहीं तो वह पढ़ नहीं पाएगी, तो वह बच्चों को क्या सिखाएगी। बेटी होने पर उनकी अच्छी तरह से देखभाल की जा सकती है

उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला ,नारायणपुर से रूपा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे समाज में लोग कहते हैं कि बेटे-बेटी में कोई अंतर नहीं है, लेकिन आज भी ऐसा नहीं है। और बेटी को अलग करें लैंगिक असमानता को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख कारक बेटों की प्राथमिकता है क्योंकि उन्हें लड़कियों की तुलना में अधिक उपयोगी माना जाता है। वर्षा को विशेष अधिकार दिए जाते हैं और इसे उनके परिवार के लिए एक अतिरिक्त स्थिति के रूप में देखा जाता है। लोग कहते हैं कि पुरुष पूर्वज है, पुरुष संतान पूर्वज है और माता-पिता पूर्वज हैं। महिलाओं को मृतक की मृत्यु के बाद कम से कम एक बेटा पैदा करने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए श्राद्ध समारोह करने के लिए मजबूर किया जाता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के नारायणपुर जिला से रूपा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि उन्हें बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम अच्छा लगा

उत्तर प्रदेश राज्य के जमुआ जिला के मिर्जापुर से रूपा मोबाइल वाणी के माध्यम से शिला से बातचीत की। शिला का कहना है कि वे बहुत गरीब परिवार से हैं उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में सुना और वे अपने बच्चों की पढ़ाई को बहुत महत्व देते हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से शिला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनके गांव में पानी का जलस्तर बहुत कम हो गया है। इसलिए हम लोगों को पानी बचाकर रखना चाहिए।सबसे बड़ी बात यह है कि हम सभी को अपना जीवन सफल बनाना है तो सबको एक एक पेड़ लगाना चाहिए। पर्यावरण यदि सुरक्षित रहेगा तभी धरती का जलस्रोत बच पाएगा। हमारे जिव जंतु पक्षियां पानी की कमी और भूख से मर रहे हैं। पहले तालाबों या गड्ढ़ों में पानी रहता था लेकिन अब गांवों में तालाबों की कमी हो गयी है। हमे बरसात के पानी को बचा कर रखना चाहिए क्योंकि बहुत जगह अभी भी पानी के लिए लोग तरसते हैं

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का उद्देश्य बालिकाओं को बचाना है तथा महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को कम करना है।