उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से शालिनी श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से छोटे बच्चों की देखभाल के बारे में जानकारी देते हुए यह कहती हैं कि छोटे बच्चों की गृह आधारित देखभाल कार्यक्रम का उद्देश्य बाल मृत्यु और बीमारियों को कम करना, छोटे बच्चों की पोषण संबंधी स्थिति में सुधार लाना, छोटे बच्चों की सही वृद्धि और आरंभिक बाल विकास को सुरक्षित करना, गृह आधारित भ्रमण से समस्याओं की जल्दी पहचान करने और उचित कार्रवाई करने में परिवारों की सहायता होती है। उन्होंने बताया कि गृह आधारित उचित देखभाल पद्धतियों के माध्यम से स्वास्थ्य संस्थानों में जाने में माध्यम से किया जा सकता है और गृह आधारित अतिरिक्त भ्रमण से जीवन के पहले 15 माह के दौरान बच्चों और माता-पिता देखभाल कर्ताओं के साथ संपर्क बढ़ता है, जिससे निम्नलिखित उद्देश अवसर मिलते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन के पहले 6 माह के दौरान केवल स्तनपान को बढ़ावा मिलेगा, 6 माह पूर्व हो जाने पर उसके आगे बच्चों को समय पर पर्याप्त और उपयुक्त पूरक आहार दिए जाने पर जोर मिलेगा, अपने बच्चों में पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की पहचान एवं प्रबंधन के लिए परम परामर्श एवं सहायता के माध्यम से माता और देखभाल कर्ताओं की छमता का निर्माण होगा, मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड की सहायता से बच्चों की वृद्धि एवं विकास में होने वाली देरी की जल्दी पहचान होगी, बचपन की सामान्य बीमारियों की रोकथाम और उसके प्रबंधन में मदद मिलेगी, जटिलताओं के उपचार के लिए बीमार बच्चों को स्वास्थ्य संस्थानों में शीघ्र भेजना सुनिश्चित होगा। साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों से घर वापस आने वाले बीमार बच्चों की दवाई का अनुपालन एवं उनकी देखभाल के लिए उनका फ़ॉलोअप किया जा सकेगा