उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से शालिनी श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से नवजात शिशु की सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए यह कहती हैं कि नवजात शिशु मृत्यु दर का 80% से अधिक मुख्य रूप से तीन कारणों समय पूर्व प्रसव और प्रसव के दौरान जटिलता और नवजात संक्रमण की वजह से होता है जिसमें से तीन चौथाई मृत्यु जीवन के प्रथम सप्ताह में होती है। उन्होंने बताया कि नवजात शिशुओं की नियमित निगरानी से इस परिस्थिति को बदला जा सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत नवजात शिशुओं के लिए रास्ता आधारित एवं गृह आधारित देखभाल के कार्यक्रम शिशु की देखभाल की निरंतरता को संस्था से लेकर समाज भर एवं पूरा करने के लिए शुरू किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जन्म के समय कम वजन समय के पूर्व पैदा हुए नवजात शिशु अन्य शिशुओं की अपेक्षा कमजोर होते हैं, इनमें मृत्यु की संभावना अधिक होती है और जन्म के समय सामान्य वजन के शिशुओं की तुलना में कम वजन के भविष्य में भी कम वजन रहने छोटे कद का होने एवं संचारी रोगों के होने की संभावना रहती है। साथ ही यह भी बताया कि यदि शिशु अवस्था में शारीरिक वृद्धि प्रभावित होती है संज्ञानात्मक विकास में देरी में भी कमजोरी भी बनी रहती है होम बेस्ड न्यू बोर्न केयर कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने हेतु प्रदेश में समुद्र पर प्रश्नों प्रांत एवं नवजात शिशु की देखभाल के लिए होम विद न्यूबॉर्न केयर कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें कि घर घर भ्रमण करके नवजात शिशु एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य की घरेलू देखभाल कर स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाती है इसका मुख्य सुविधा उपलब्ध कराना एवं जटिलताओं से बचाना समय पूर्व जन्म लेने वाले और जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों की शीघ्र पहचान कर समुचित देखभाल एवं संघर्ष करना नवजात शिशु की बीमारी का शीघ्र पता कर समुचित देखभाल एवं संवर्धन करना परिवार को आदर्श स्वास्थ्य व्यवहार अपनाने हेतु प्रेरित एवं सहयोग करना तथा मां के अंदर अपने नवजात शिशु के स्वास्थ्य की सुरक्षा करने का आत्मविश्वास एवं दक्षता विकसित करना