1947 में जब भारत को आजादी मिली तब सबसे पहला सवाल यही था कि देश का नाम क्या होगा? इसके लिए संविधान सभा ने गहन विचार-विमर्श किया, इस पर कई अलग-अलग बहसें हुईं, कई नामों के प्रस्ताव आए, वोटिंग कराई गई। इस सब के बाद इसका नाम भारत और इंडिया माना गया, उसके बाद देश को नाम मिला ‘India that is Bharat’ इस बात को संविधान के पहले अनुच्छेद में ही स्पस्ट कर दिया गया कि जो इंडिया है वही भारत है। हमारे पूर्वज देश का नाम चुनने को लेकर इतनी मेहनत पहले ही कर चुके हैं, तब 75 साल से ज्यादा के बाद नाम बदलने का फैसला करना या फिर उसके बारे में सोचना कितना सही है।

बीते अगस्त की आखिरी शाम को खबर आई कि सरकार सितंबर महीने की 18-22 तारीख को संसद के विशेष सत्र का आयोजन करेगी, संसदीय कार्य मंत्री ने घोषणा की, लेकिन इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या है वह नहीं बताया। विशेष सत्र के आयोजन की खबर के बाद से मीडिया से लेकर राजनीति के हर हल्के में कानाफूसी है कि सरकार ये कर सकती है, वो कर सकती है लेकिन पुख्ता तौर पर कोई भी जानकारी किसी के पास नहीं है कि सरकार क्या करने जा रही है।

भारत में डॉक्टरों के लिए पहली बार इंटरनेट मीडिया दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसमें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा है कि डॉक्टर इंटरनेट मीडिया पर मरीजों की जानकारी पोस्ट न करें। एनएमसी ने आरएमपी यानि रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर  के लिए हाल ही में जारी पेशेवर आचरण संबंधी नियम में कहा है कि डॉक्टरों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इंटरनेट मीडिया पर लाइक, फॉलोअर्स बढ़ाने की होड़ में शामिल होने से बचना चाहिए।एनएमसी द्वारा दो अगस्त को अधिसूचित नियमों में कहा गया कि डॉक्टरों को इंटरनेट मीडिया पर मरीजों के इलाज की चर्चा नहीं करनी चाहिए।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक कृषि में किसानों को सहयोग के अलावा केंद्र सरकार उन्हें नई राह भी दिखा रही है। इस दिशा में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ऐसी फसल पर काम शुरू किया है, जो न सिर्फ परती भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाएगी, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करेगी। दरअसल, यह खेती  कांटा रहित कैक्टस  की है, जिसका फल खाने में उपयोग होता है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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इन दिनों सोशल मिडिया पर एक वायरल संदेश में दावा किया जा रहा है कि सरकार ने कथित तौर पर चैट की निगरानी के लिए नए व्हाट्सएप दिशानिर्देश जारी किए हैं। वायरल संदेश में दावा किया गया है कि यदि टिक तीन नीले टिक में बदल जाते हैं तो इसका मतलब है कि चैट सरकार की नजर में है। दो नीले और एक लाल टिक का मतलब है कि सरकार यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश के शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के लक्ष्य को हासिल करने के बाद देश में ठीक ऐसा ही अभियान अब उच्च शिक्षा को लेकर भी चलाने की तैयारी है। जिसमें स्कूल से निकलने वाले सभी बच्चों को उच्च शिक्षा की  चौखट तक पहुंचाया जाएगा। जहां से वह अपने आगे बढ़ने का मार्ग खुद तय करेंगे।इस दौरान उन्हें  स्किल युक्त शिक्षा  देने के साथ ही पढ़ाई को बीच में छोड़ने और शुरू करने यानि एंट्री और एक्जिट जैसे विकल्प भी मुहैया कराए जाएंगे। फिलहाल इन सभी पहलुओं पर काम शुरू हो गया है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों के साथ मिलकर 162 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद 143 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।यह जानकारी  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री  मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी। उन्होंने कहा कि 40 मामलों में उत्पादन रोकने का आदेश जारी किया गया। 66 मामलों में उत्पाद का निरस्तीकरण व निलंबन और 21 मामलों में चेतावनी पत्र जारी किया गया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की डेडलाइन खत्म हो चुकी है, 31 जुलाई के बाद लेट फीस के साथ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए जा रहे हैं. वहीं अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा ITR प्रोसेस करने और रिटर्न जारी करने का काम भी किया जा रहा है. इस बीच साइबर ठगों का गिरोह ऐसे टैक्सपेयर्स को अपना निशाना बना रहा है. पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

यह एक गंभीर संकट की तरफ इशारा है, कि ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में काम की मांग इस साल जुलाई तक लगभग 2021 के स्तर पर पहुंच गई है। याद रखें: 2021 महामारी का दूसरा वर्ष था जिसमें कोविड की घातक दूसरी लहर के बाद मांग में उछाल देखा गया था। वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले चार महीनों, यानी अप्रैल से जुलाई 2023 तक, 9.84 करोड़ परिवारों ने इस योजना में काम किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक है, और 2021 के 9.97 करोड़ के करीब है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।