प्रभा देवी, जो की आंगनवाड़ी वर्कर है, उनका कहना है यहाँ पर लोग पढ़े लिखे नहीं है वह अपने बच्चो की पढ़ने नहीं भेजते है और मजदूरी पर भेज देते है, उनको कोई समझ नहीं है, बोलते है की छोरियो की पढ़ा लिखा कर क्या करना है, हम तो गरीब है हमारे पास पैसा नहीं पढ़ने के लिए. जबकि सरकार छात्रावास दे रही है, आंगनवाड़ी से पोषाहार मिल रहा है, सब कुछ कर रही है सरकार फिर भी नहीं समझते है, यह परिस्थिति है.