महिला यह कह रहे है की, आजकल औरतें भिन्ना फील्ड में बोहोत तरक्की कर रहे है अपने दम और काबिलियत पर | पर जो घर के बुज़ुर्ग पुरुष होते है वह टोकती है, उत्साह नहीं देते हैं, गलत बातें बोलते है, और रोकथाम लगते है | यह सारी चीज़ों के वजह से औरतें सही मायने में आगे नहीं बढ़ पाते | स्कूल में अच्छा रिजल्ट, स्पोर्ट्स में अच्छा करने पढ़ भी लड़कियां अपने हिसाब से कोई फील्ड नहीं चुनन पाती है | लोगों के बातें बार बार सुनने पर औरतों को संकोच होती है, जिस वजह से वह अपने हिसाब से अपने रास्ता नहीं चुनन पाते है |