अंजू देवी, नौबतपुर से, राधिका नाम की किसी लड़की का शिशु श्रम बांध करके स्कूल में दाखिला करने की प्रयास कर रही है | उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल से भी बात करी है, पर प्रिंसिपल ने कहा कि अभी एडमिशन नहीं हो रही है, पर अगर बच्ची का नाम पहले कभी स्कूल ने दाखिला था, तोह वह बच्ची का एडमिशन करवा सकते है | प्रिंसिपल ने कहा कि बच्ची को स्कूल आना पड़ेगा | अंजू देवी ने कहा कि बच्ची स्कूल आएगी और कान काम करेगी, और ऐसा कभी नहीं हो कि बच्ची पढाई छोड़ के काम करने जायेगी | राधिका की माँ भी नाम गई है और कही है कि राधिका को खेती पर कम भेजेंगी |
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ट्रेनिंग में 2 मुद्दों के बारे में बात हुई है, एक बाल विवाह और दूसरा बच्चो के पढाई. और ज़रूरत होने पर पुलिस भी मदद करेंगे
दीपा कुमारी, फुलवारी थाना से, अपनी कहानी शेयर कर रही है. उनके पिता गुज़र जाने के बाद, घर पर पैसो के इंतज़ाम के लिए, उनकी पढाई करने की सपना पूरी नहीं हो पाई, उन्हें अपना माता के साथ मजदूरी का काम शुरू करना पढ़ा
सीता देवी, जो सेफ्टी पैनल की महिला है, यह पूछ रहे है की अगर किसी बच्चे के पास स्कूल ड्रेस न हो तोह क्या उसे स्कूल भेजा जा सकता है? क्योंकि ड्रेस के बगैर बच्चों को स्कूल में बैठने नहीं देते
इंन्दु कुमारु, राजीवनगर थाने से बोल रहे है की, सेफ्टी पैनल के द्वारा बच्चो और महिलाओ की सुरक्षा को लेकर बोहोत जानकारी मिलती है, वह चाहते है की और भी महिलाएं इस पैनल से जुड़े, अपने बातें शेयर करे और एक सुरक्षित परिवेश बना पाए
बिना देवी, बहादुरपुर थाना से, बोल रहे है के पहले उनको पुलिस थाना जाने से डर लगता था, पर सेफ्टी पैनल से जुड़ने के बाद यह डर नहीं रहा
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ईशा कुमार नै कम्युनिटी मीटिंग में योगदान किया है और उनको अच्छा लगा, आगे भी योगदान करना चाहेंगे
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