उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला से निर्मला ,ग़ाज़ीपुर स्वास्थ्य सहायक वाणी के माध्यम से कहती है कि आशा द्वारा कंडोम व माला एन की गोली नहीं मिल रही है।

नीतू ग़ाज़ीपुर स्वयं सहायता वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि गर्भवती महिलाओं को बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं जिसके कारण मजबूर हो कर गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों को दूसरे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला ग़ाज़ीपुर से नीतू मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि ग़ाज़ीपुर में सरकारी हॉस्पिटलों में जो डॉक्टर्स बैठते हैं वो अपना अलग से प्राइवेट क्लिनिक या नर्सिंग होम भी खोल कर रखे हुवे है जो की गलत है। बता रही है कि डॉक्टर्स अपने प्राइवेट क्लिनिक में लोगों का इलाज कर के उनसे मनमाने ढंग से पैसे लेते हैं जबकि सरकार द्वारा यह कहा गया है कि सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स अपना प्राइवेट क्लिनिक नहीं खोल सकते हैं।

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उत्तर रदेश राज्य क जिला घज़िपुर से नीतू मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैकि गाँव की कोशोरियों का खाना है कि किशोरावस्था में बदलाव के बारे में उन्हें आशा द्वारा जानकारी नहीं दी जाती है। साथ ही उन्होंने कहा की अगर इन सब की जानकारी उन्हें पहले ही दे दी जाती तो उन्हें अनेक बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ता

उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला से नीतू ,ग़ाज़ीपुर स्वास्थ्य सहायक वाणी के माध्यम से कहती है कि भारत में एक अधिनियम के अंतर्गत कुछ परिस्थितियों में महिलाओं को गर्भ समापन की अनुमति मिलती है लेकिन फिर भी महिलाओं की जिंदगी को खतरे में डाल कर लोग असुरक्षित गर्भ समापन का निर्णय लेते है। सरकारी प्रशिक्षित चिकित्सक से ही गर्भ समापन कराना चाहिए ताकि महिला सुरक्षित रहे

हमारी श्रोता नीतू ,ग़ाज़ीपुर स्वास्थ्य सहायक वाणी के माध्यम से कहती है कि मरदह प्रखंड में स्वास्थ्य केंद्र के हैंडपंप ख़राब रहने से मरीज़ों को पानी पिने की समस्या हो रही है ,इसलिए मरीज़ वहाँ जाना पसंद नहीं करते है। साथ ही वहाँ एएनएम की उपस्थिति भी नहीं रहती है

उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला से आशा दीदी ,गाज़ीपुर स्वास्थ्य सहायक वाणी के माध्यम से कहती है कि उनके क्षेत्र में महिलाओं को माहवारी से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी जाती है। महिलाओं को पैड भी प्रदान नहीं किया जाता है

उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला से आशा दीदी ,गाज़ीपुर स्वास्थ्य सहायक वाणी के माध्यम से कहती है कि उनके क्षेत्र में महिलाओं को माहवारी से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी जाती है। महिलाओं को पैड भी प्रदान नहीं किया जाता है