काशी में 20 मार्च को होने वाले रंगभरी एकादशी के उत्सव में बंगीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस वर्ष शिव और गौरा अपने शीर्ष पर बंगीय देवकिरीट धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। गौरा के गौना के मौके पर निकाली जाने वाली पालकी यात्रा के दौरान बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती देवी पार्वती के सिर पर बंगीय शैली का देवकिरीट सुशोभित होगा।