आने वाले दिनों में आप जैसे ही वेबसाइट पर खसरा संख्या भरेंगे, आपको उस जमीन का भू-उपयोग यानी लैंड यूज पता चल जाएगा। इसके लिए बीडीए एक साफ्टवेयर डेवलप कर रहा है। दो माह में ऐप से लैंड यूज पता करने की सुविधा मिलने लगेगी। तब वीडीए कार्यालय में चक्कर नहीं काटना होगा। यह जानकारी वीडीए मुख्यालय में महायोजना 2031 के संशोधित स्वरूप के अनावरण अवसर पर उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने दी। उन्होंने कहा कि जीआईएस आधारित महायोजना 2031 में आमलोगों को कई ई नई सुविधाएं मिलेंगी। उसमें निर्माण संबंधी कई व्यवहारिक बाधाओं को दूर किया गया है। जैसे रिंग रोड के किनारे भू-उपयोग की बाधाएं हटाई गई हैं। मिश्रित, आवासीय, वाणिज्यिक भू- उपयोग का प्रावधान होने के कारण नक्शा पास कराने में दिक्कत नहीं आएगी। इसी तरह 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर बाजार स्ट्रीट का प्रावधान किया गया है। साथ ही कुछ इलाकों में 12, 15, 18 मीटर चौड़ी सड़कों (जिनमें लिंक रोड भी शामिल हैं) पर भी बाजार स्ट्रीट का प्रस्ताव दिया गया है। पुलकित गर्ग ने कहा कि शासन से स्वीकृत होने के बाद महायोजना के नए स्वरूप को लागू किया गया है। इस संबंध में मिले सुझाव शासन को भेजे जाएंगे। पुरातात्विक स्थलों के पास निर्माण में छूटः नगर नियोजक प्रभात कुमार ने बताया कि पुरातात्विक स्थलों के आसपास निर्माण में छूट दी गई है। सारनाथ क्षेत्र में इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। इसके अलावा पुलिस लाइन, कचहरी, सर्किट हाउस के आसपास भी निर्माण में छूट दी गई