माता-पिता ने हमेशा शिक्षित होकर खुद को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। रेलकर्मी पिता और गृहिणी मां ने कभी रोक नहीं लगाई। इसी का नतीजा था कि तकलीफों के सागर से निकल कर आज शिक्षा की लौ जलाए रखी है'। यह कहना है अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय मंडुवाडीह में सहायक अध्यापिका नीलिमा सिन्हा का । बीएचयू और हरिश्चंद्र कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाली नीलिमा की शादी जौनपुर के व्यवसायी परिवार में हो गई। दो बच्चों के जन्म के बाद 2004 में विशिष्ट बीटीसी के अंतर्गत चयनित "हुई नीलिमा ने ट्रेनिंग के दौरान ही पति को खो दिया। घटना याद करते हुए उनका गला रुंध जाता है जब वह बेटे के स्कूल के वार्षिकोत्सव में गई थीं और पति के देहांत की खबर आई। परिवार ने इसके बाद संबल दिया। 2006 से शिक्षण शुरू करने के बाद वह अनवरत सेवाएं दे रही हैं। बेटा अमन एमबीए करके जॉब कर रहा है जबकि बेटी अमेया एमटेक कर रही है।