महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 'नमो दीदी' योजना के तहत ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी गई है। काशी की नौ महिलाओं को यह निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। डीजीसीए की तरफ से इन्हें रिमोट पायलट का लाइसेंस भी प्रदान किया गया है। ड्रोन से खेतों की मैपिंग और उनमें उर्वरक व कीटनाशकों के छिड़काव का काम करेंगी।महिला सशक्तीकरण की योजनाओं के अंतर्गत केंद्र और प्रदेश सरकार ने 'नमो दीदी' योजन की शुरुआत की। इसके तहत महिलाओं को विभिन्न कौशलों का निःशुल्क प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैया कराने की पहल की गई है। इसमें काशी की नौ महिलाओं को हिन्दुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड और इफको की तरफ से ड्रोन पायलट का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। इन्हें प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य विश्वविद्यालय (हैदराबाद) की ड्रोन अकादमी में 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई। सीडीओ हिमांशु नागपाल ने बताया कि इन सभी प्रशिक्षित महिलाओं को रिमोट पायलट ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी मिल चुका है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से इनका लाइसेंस भी जारी कर दिया गया। महिलाओं को 15 लाख की कीमत का ड्रोन और इसे सुरक्षित एक से दूसरी जगह ले जाने के लिए ई-ऑटो भी निःशुल्क उपलब्ध कराने की तैयारी है।