हमारी श्रोता ,परिवर्तन वाणी के माध्यम से कहती है कि केवल कानून बनाने से कुछ नहीं होगा ,सभी लोगों को जंगलों के संसाधनों की रक्षा करनी होगी। बेवजह के पेड़ों का काटना ,नदी नहीं किनारे से बालू का उठाव आदि को रोक कर वनवासी ही जंगल से मिलने वाले संसाधनों का प्रयोग कर सकते है। इस तरह से पेड़ कम कटेगा और जलवायु भी सही रहेगा। आदिवासी महिला को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा लोन मिलता है। जिससे महिला अपना आय बढ़ाने के लिए कोई रोजगार कर सकती है