नरेला से पूनम ,खेले सब संग के माध्यम से कहती है कि उनका बच्चा कभी भी ज़िद करते है तो वो कहानी में बताए गए तरीक़े के माध्यम से अपने बच्चे को समझती है
हमारी श्रोता नीमराना ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि कार्यक्रम के माध्यम से वो अब अपनी बच्चों की भावनाओं को समझ पाती है और उन्हें समझा भी पाती है।
त्रिलोकपुरी से हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वो अपनी बेटी अवंतिका की घबराहट को एक से लेकर पाँच या दस तक गिनती करवा कर या ताली बजा कर दूर करती है। कार्यक्रम से बहुत मदद मिलती है। बच्चों की स्थिति को समझने में मदद मिलती है
न्यू सीमापुरी से फरज़ाना ,खेले सब संग के माध्यम से कहती है कि उनका बच्चा हुसैन को भी घबराहट महसूस होती है तो वो उसे समझाती है। तो उसे गिनती गिनवाती है ,अगर इससे कुछ नहीं होता है तो वो उसे लम्बी साँस लेने व छोड़ने को कहती है। ऐसे में बच्चा को अच्छा महसूस होता है। कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को समझाने में अच्छा लगता है।
हमारे श्रोता प्रमोद कुमार, मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि उन्हें खेले सब संग के कार्यक्रम सुनने में बहुत अच्छा लगता है।उन्हें इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के साथ कैसे व्यव्हार कर सकते है,बच्चों की भावना को कैसे समझ सकते है ,इन सारी बातों के बारे में जानकारी मिलती है। आगे कह रहे है कि वो अपने बच्चों के साथ भी बिलकुल वैसा ही व्यव्हार करते है जैसा कार्यक्रम में बताया जाता है।
इंदरपुरी से हमारी श्रोता, मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उन्हें खेले सब संग का कार्यक्रम अच्छा लगा। वो कार्यक्रम सुन कर ही अपने बच्चे को समझाती है और उनके बच्चे भी कुछ हद तक समझते भी है।
हमारी श्रोता पूजा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि वो खेले सब संग के कार्यक्रम सुन कर अपने बच्चे को समझाने का प्रयास करती हैं
हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें खेले सब संग की कहानी पसंद आई। वो भी अपने बच्चे को पढ़ाई के वक़्त सीख देती है। इनका बच्चा ज़िद करता है तो वो कहानी के उपायों द्वारा ही समझाती है
हमारी श्रोता नीमराना ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें अपने बच्चों की भावनाओं को समझने में बहुत आसानी हो रही है। यह कार्यक्रम बहुत अच्छा है
एटीएस डॉल जीटावन से रिजवाला ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को बहुत मदद मिल रही है। अभिभावक बच्चों की भावनाओं को पहचान रहे है तथा बच्चों को उनकी भावनाओं के उलझनों से निकालने व उन्हें समझने की सीख मिल रही है। ऐसे ही नए नए कार्यक्रम आते रहे। कहानी बहुत अच्छा है ,इसका समय भी बहुत अच्छा है