एटीएस डॉल जीटावन से रिजवाला ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को बहुत मदद मिल रही है। अभिभावक बच्चों की भावनाओं को पहचान रहे है तथा बच्चों को उनकी भावनाओं के उलझनों से निकालने व उन्हें समझने की सीख मिल रही है। ऐसे ही नए नए कार्यक्रम आते रहे। कहानी बहुत अच्छा है ,इसका समय भी बहुत अच्छा है

नोएडा के सर्फाबाद के सेक्टर 73 से हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें और उनके बच्चों को खेले सब संग कार्यक्रम सुनने में अच्छा लगता है ,बच्चों को इससे नई सीख मिलती है। बच्चे कभी गुस्सा होते है तो कभी खुश होते है ,ऐसे में कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें सँभालने में मदद मिलती है

एटीएस डोल से हमारी श्रोता रिज़वाना ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि खेले सब संग की कहानी बहुत अच्छी लगती है। कई अभिभावकों का कहना है कि बच्चे खेले सब संग की कहानी सुनते है ,पसंद भी करते है और अपनी भावनाओं को पहचान भी रहे है

हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उन्हें खेले सब संग के कार्यक्रम सुनंने में बहुत अच्छा लगता है

Transcript Unavailable.

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बच्चों की ज़िद जब बढ़ जाए तो बात को कैसे संभाला जाए।कहानी में एल्मो की मम्मी कुछ तरीक़े अपना कर एल्मो को उसके ज़िद से बाहर निकालती है जिससे एल्मो उदास भी नहीं होता है और उसका काम भी बन जाता है । साथियों कहानी को सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...

हमारी श्रोता पूजा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि बच्चों का तैयत ख़राब रहने पर अभिभावकों को उनके व्यवहारों पर ध्यान देना चाहिए।

हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि उन्हें खेले सब संग सुनने अच्छ लगता है। वो अपने भाई दिव्यांश को भी खेले सब संग कार्यक्रम सुनाती है ,जिससे वो प्रसन्न रहता है

हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें एल्मो की कहानी पसंद आई