छोटे बच्चों को उतना अनुभव नहीं होता की वो अपनी भावनाओं को ठीक से पहचान पाए। इसलिए वो अक्सर अपनी भावनाओं से घबरा कर या उनमे उलझ कर अलग अलग तरह का व्यवहार करते है। ऐसे में ज़रूरी है की बच्चों को भावनाओं को समझने में मदद करें... ऑडियो पर क्लिक कर सुनें आज की कड़ी..
बच्चों को अपनी भावनाओं को समझना पहचानना और उसे नाम देना बहुत जरुरी होता है। इससे वे खुद को जान और संभाल पाते हैं। क्योंकि जब बच्चे अपनी भावनाओं को नाम देना सिख लेते हैं तो वो खुद को बेहतर समझ पाते हैं और अपनी भवनाओं को और स्थितियों को बेहतर संभाल पाते हैं। जब हम बच्चों को अपनी बड़ी भवनाओं को पहचानने में ,उन्हें नाम देने में मदद करते हैं तो उन्हें आगे चल कर उन्हें खुद को समझने में मदद मिलती है। जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही अपने आप को बेहतर सँभालने की क्षमता भी
छोटे बच्चे जब बड़ी भावना महसूस करते है तो कई बार उसे समझ व कह नहीं पाते है । ऐसे में वो अपनी भावना खेल के द्वारा व्यक्त करते है।बच्चों के मन की भावना को समझने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उनके साथ खेलना।
प्रिय देखभालकरता अक्सर छोटे बच्चों के पास अपने भावनाओं को व्यक्त करने के शब्द नहीं होते है और वो अपने कुछ अलग कभी अजीब व्यवहार से इन्हे व्यक्त करते है। फ़ोन पर नंबर तीन दबाव और हमें कोई ऐसा किस्सा बताओ जब आप अपने बच्चे के व्यहवहार से उनकी मन की भावनाओं को समझे और कैसे ?
प्रिय देखभालकर्ता बच्चे भी बड़ों की तरह अन्य भावनाए महसूस करते है मगर कभी कभी उन्हें समझ और व्यक्त नहीं कर पाते,फ़ोन पर नंबर तीन दबाओ और हमें बताओ की आपका बच्चा अपनी अलग अलग भावनाओं को कैसे व्यक्त करता है ?
खेल कभी भी हो सकता है और कही भी हो सकता है। घर और बाहर के रोज़ाना काम करते वक़्त भी ,थोड़ी सी कोशिश और ज़रा सी कल्पना से हर चीज़ बन सकती है खेल। और यही खेल बच्चों के साथ हमारा रिश्ता मज़बूत करने में मदद करता है। क्या आपको खेले सब संग ऑडिओ ,एपिसोड ,सुनने ,समझने या उनसे मिली सिख को अपनी रोज़मर्रा की जिंगदी में ढालने में मदद मिल रही है ?
हमारी आसपास का सामान खिलौना बन सकता है। घर में रखी चीज़े ,थोड़ी सी कल्पना और एक दूसरे की मदद से एल्मो और एल्मो के पापा ने खेलते हुए एक सुन्दर महल तैयार किया। कहानी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर..
प्रिय देखभालकर्ता खेल के दौरान बच्चों से बातचीत करके हम उन्हें बेहतर समझ सकते हैं और उनकी सिखने की क्षमता को बढ़ावा भी दे सकते हैं। फ़ोन पर नंबर तीन दबाव और हमें बताओ की बच्चे से रोज कितनी बातचीत करते हैं
थोड़ी कल्पना और ज़रा सी सूझ बुझ से घर का कोई भी काम बच्चों के साथ खेलने का मौका बन जाता है और कोई भी समान खिलौना । आज की कड़ी में एल्मो और उसकी मम्मी घर की सफ़ाई करते हुए खेल रहे है बूझो तो जानें..पूरी कहानी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...
अपने बच्चों के साथ खेलने का सबसे बड़ा फ़ायदा है कि बच्चे माँ-बाप के और क़रीब आ जाते है। आपसी रिश्ते और मज़बूत होते है। बच्चों के मन की बातें भी सामने आती है आज की कहानी में एल्मो अपने पापा के साथ खेलते हुए जानवरों की पहचान कर रहे है। कहानी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...