प्रिय देखभालकर्ता ,अपने बच्चे से हर तरह की भावना पर बातचीत करना और भावनाओं को समझने , सँभालने के तरीक़े प्रैक्टिस करना ज़रूरी है। चाहे वो भावना छोटी,बड़ी,सरल व कठिन हो। फ़ोन पर नंबर तीन दबाए और हमे बताए कि क्या आपने कभी अपने बच्चे से किसी अपने की मृत्यु या किसी खास व्यक्ति या चीज़ के खो जाने से जुड़ी भावनाओं पर बातचीत करी है ,और अगर हाँ ,तो फिर कैसे ?