हैदरपुर के शालीमार बाग़ से इंदर पाल ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उन्हें खेले सब संग का कार्यक्रम अच्छा लगता है। उन्हें बच्चों की भावनाओं के विषय में ज़्यादा जानकारी नहीं थी पर कार्यक्रम सुनने के बाद उन्हें इसकी जानकारी मिली। खेलते हुए बच्चों को समझा भी सकते है तथा उन्हें तमाम जानकारी भी दे सकते है। उन्होंने यह कभी सोचा नहीं था कि लॉक डाउन में घर बैठे बहुत कुछ सीखा सकते है