ब्रिजबाला खेले अब संग कार्यक्रम के माध्यम से बता रही हैं कि उनका बेटा अपनी भावनाएं जाहिर करता है। कभी-कभी गुस्सा करता है या कभी कुछ बातें बताने की कोशिश करता है।वे बताती हैं कि वे बेटे की बातों को एकदम सही तरिके से समझ नहीं पाती हैं इसलिए वे उसकी बात को टटोलती हैं कि उसके मन में क्या है क्या कहना चाह रहा है। यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा कि आप बच्चों की भावनाओं के बारे में हमें समझते हैं।उनकी भावनाओं के बारे में भी हमें ध्यान देना चाहिए और यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा आपका