हमारी श्रोता सीमा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि दीदियों द्वारा उन्होंने पहले से जाना है कि बच्चों के साथ खेलने के लिए उन्हें अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं होती है बल्कि काम करते-करते भी बच्चों के साथ खेला जा सकते हैं।खेले सब संग की कहानी के माध्यम से उन्होंने जाना कि बच्चों के साथ अच्छे से किस तरह से खेल सकते है और इससे किस तरह से बच्चों का विकास हो सकता है