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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव से वीरेंदर गन्धर्व ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भावनाओं का भंवर कार्यक्रम के अंतर्गत बताया कि एक ओर, यह सदियों से चला आ रहा है कि एक-दूसरे की ओर आकर्षित होना, उसे देखना, उसे छूना, उसका उपयोग करना एक सुखद आनंद माना जाता है। दूसरी ओर, समाज को लगता है कि पुरुष ने ऐसा किया है, तो वह चलेगा लेकिन महिला ऐसा नहीं करेगी। तनाव इसलिए आता है क्योंकि कोई पुरुष से कुछ नहीं कहता है, लेकिन महिला से समाज कहता है कि वह अशुद्ध हो गई है, आदि इसलिए तनाव आता है। इस तनाव से बचने की पहली बात है यानी जब हम एक नए युग में आए हैं, तो सबसे पहले तो आज-कल इस तरह की फिल्में मोबाइल में दिखाई जा रही हैं, टीवी पर फिल्में दिखाई जा रही हैं, जिससे इच्छा रखने वाले युवा तेजी से बढ़ रहे हैं। और समाज को इसके प्रति जागरूक होना होगा और महिलाओं पर दोषारोपण करना बंद करना होगा

मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां ,तो चलिये आज सुनते हैं यौन शोषण के शिकार हुए व्यक्ति की मानसिक तनाव और उस से जूझने के बारे में...साथियों , हमारे समझ में आज भी यौन शोषण के बारे में एक अनचाही चुप्पी साध ली जाती है और पीड़ित व्यक्ति को ही कहीं न कहीं हर बात के लिए जिम्मेदर बना देने की प्रथा चली आ रही है। पर ऐसा क्यों है? साथ ही इस तरह के सामाजिक दबावों के अतिरिक्त और क्या वजह होती है जिसके लिए आज भी कई सारे यौन शोषण के केस पुलिस रिपोर्ट में दर्ज नहीं होते हैं ? समाज में फैले यौन शोषण के मानसिकता के लिए कौन और कैसे जिम्मेदार है ? और समाज से इस मानसिकता को हटाने के लिए तुरंत किन - किन बातों पर अमल करना जरुरी है ?साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू गेहूं के फसल बुवाई करने का सही समय और किस्मों की जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

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