भीषण गर्मी और लू के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, इन सभी खतरों से निपटने के लिए हमें तैयारियां करनी होंगी।

गर्मी से बचने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने होंगे | बिजली का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें, पानी का सही इस्तेमाल करें और जब तक ज़रूरी ना हो, घर से बाहर धुप में ना निकले |

दोस्तों, फसले बिना केमिकल के जी जाती हैं पर पानी के बिना तो जमीन बेजान ही है! मवेशियों में भी कहां इतनी जान होगी कि वो खेत जोत पाएं, हमें दूध दे पाएं! पानी तो सबको चाहिए , पर... साथियों, हमें बताएं कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोत खत्म होने से आपको किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? क्षेत्र के कुएं, पोखर और तालाब प्रशासन ने खत्म कर दिए हैं या फिर वे सूख रहे हैं? क्या इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं? अगर स्त्रोत सूख रहे हैं तो आपके पास पीने के पानी का क्या विकल्प है? क्या खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों को नुकसान हो रहा है? पानी की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की है और क्या यह पर्याप्त है? दोस्तों, पानी अहम है क्योंकि ये हमें जीवन देता है और आप तो जानते ही हैं.... जिंदगी जरूरी है!

दिल्ली से रवि कुमार शर्मा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि गर्मी बहुत बढ़ गई है। लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। लोग पानी के लिए तरस रहे है।

दोस्तों , सूरज की तपन बढ़ रही है और प्यास है कि खत्म होने का नाम नहीं लेती! हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में पीने के पानी का साधन क्या है? क्या आप प्राकृतिक स्त्रोतों, जैसे कुएं, तालाब, पोखर से पानी लाते हैं? अगर आपके क्षेत्र में पानी के प्राकृतिक स्त्रोत नहीं हैं तो क्या पानी के लिए बोरवेल लगवाया है? या फिर पानी की सप्लाई हो रही है? क्या आपको पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है? अगर ऐसा है तो इससे आपके लिए कितना आर्थिक खर्च बढ़ गया है? क्या पंचायत या नगर पालिका क्षेत्र के प्राकृतिक पानी के स्त्रोतों को बचाने का काम नहीं कर रही है? क्या आपमें से कोई व्यक्ति ऐसा है, ​जो पानी के स्त्रोतों को बचाने की कोशिश कर रहा है? अगर है तो उनके प्रयासों के बारे में बताएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

छत्तीसगढ़ राज्य के जिला रायपुर से अनमोल कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि मौसम लगातार बदल रहा है। गर्मी की लहर के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

आज पानी लाने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग हो रहा है। ऐसा नहीं है कि बारिश नहीं हो रही है तो पानी नहीं आएगा। पहले 75 प्रतिशत पानी था पर अब पानी खत्म हो गया है।भविष्य में पानी की किल्लत होगी पानी को लेकर कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया गया है। बाकि सब विषय पर राजीनीतिक मुद्दा बनाया जाता है।

महाराष्ट्र से आदर्श ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि सरकार ही पानी ,बिजली का दावां करती है तो सरकार इन समस्याओं पर क्यों नहीं कुछ कर सकती है। शहरों में लोगों को 24 घंटे पानी दिया जा रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।

महाराष्ट्र के अहमदनगर से शुभम ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पानी की कमी होने पर सरकार कुछ नहीं कर सकती है। ये लोगों की ही गलती है कि पेड़ों की कटाई हो रही है। नागरिक को अपना कर्त्तव्य ज्ञात कर अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए।

महाराष्ट्र राज्य के जिला नागपुर से आदर्श , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि पानी की बहुत समस्या है। पानी की कमी से लोग परेशान है। गर्मी में पानी सभी जगह सूखते जा रहे है।