छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से विरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बाटना चाहते है कि माता - पिता का व्यवहार बच्चों पर पड़ता है। पति और पत्नी को आपस में अच्छे से बात करना चाहिए। आपस में अच्छे व्यवहार रखना चाहिए। अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उस पर नज़र रखना चाहिए। शुरू से बच्चे पर ध्यान देने से वह मानसिक विकास में निश्चित रूप से मजबूत होगा

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला चित्रकूट से प्रेम कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि कुपोषण के कई कारण होते है। बच्चों के माता पिता उनके खान पान में ध्यान नहीं देते है। सरकार के द्वारा योजनाएं तो लायी जाती है और अच्छे से लागू भी किया जाता है , लेकिन बच्चों तक उस योजना का लाभ पहुँच रहा है कि नहीं इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है। स्कूल में बहुत कम चावल दिए जाते हैं , चावल में कीड़े होते हैं , बच्चे चावल देखकर खाना नहीं खाते हैं । कई बच्चे खाना खाने के बाद भी बीमार पड़ जाते हैं। सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे कम कीमत पर राशन दें , लेकिन गुणवत्ता सही होनी चाहिए। अधिक शैक्षणिक योजनाएं चलाई जानी चाहिए ताकि कुपोषण को दूर किया जा सके ।

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।