छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से वीरेंदर , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि छह प्रकार के पोषक तत्व हैं जो एक व्यक्ति को समान रूप से मिलने चाहिए और लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना चाहिए , थकावट नहीं होना चाहिए और नींद अच्छी आनी चाहिए। लोगों को हमेसा खुश रहना चाहिए और किसी भी काम को मन से करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य रखने के लिए लोगों को मशीनो से दूरी बनाकर रखना चाहिए। लोगों से मिलना चाहिए , अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए। अच्छे विचारों को मन में स्थान देना चाहिए। इससे मानसिक स्वास्थय ठीक रहेगा। कई लोग कंप्यूटर और मोबाइल में लगे रहते है जिसके कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। बच्चों के सामने किताबें पढ़नी चाहिए ,मोबाइल नहीं चलाना चाहिए।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि अगर माता पिता बाहर खाना खा रहे है तो बच्चे भी तो यही सीखेंगे। पहले के समय से बच्चों को घर का पौष्टिक भोजन मिलता था। इससे बच्चे स्वस्थ रहते थे और घर का ही खाना खाने का आदत रहता था। लेकिन आज के समय में माता पिता को पहले खुद की आदत में सुधार लाना है ताकि बच्चे देख कर सीखे। बच्चों को घर का पौष्टिक आहार दें ताकि बीमारियों से बचे।

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

Transcript Unavailable.

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दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ?और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें.