छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव ज़िला से वीरेंद्र गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि संसार बना है तो सब मनुष्य एक सामान नहीं है। कोई अमीर है कोई गरीब है ,कोई ठीक है कोई दिव्यांग है। कम पैसों में जीवन चल सकता है ,इसमें संतुष्ट रहना ज़रूरी है। अपने पास जो है उसमेें ही खुश रहना सीखना चाहिए और मन को मनाए। इससे मानसिक तनाव नहीं आएगा। इच्छा कम से कम रखना चाहिए क्योंकि ज़्यादा इच्छा रखना दुख का कारण बनता है। जितना पैसा है उतने से ही इच्छा पूरी करना चाहिए।
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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि तन मन स्वस्थ है तो जीवन स्वस्थ है। सबसे पहले शारीरिक उन्नति होना ज़रूरी है। इसका मतलब है कि शरीर से रोग दूर रहे। ये तब ही होगा जब नियम अनुसार जीवन जिए। कब खेलना है ,कब खाना है ,कब सोना है ये समय से हो,अच्छा पौष्टिक आहार खाए,मशीनों से दूर रहे। महापुरुषों की किताबें पढ़े ,समाज सेवा करें। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य स्वस्थ रहेगा। जीवन जीना एक कला है,उसे प्राप्त करे।
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से वीरेंदर , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि छह प्रकार के पोषक तत्व हैं जो एक व्यक्ति को समान रूप से मिलने चाहिए और लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना चाहिए , थकावट नहीं होना चाहिए और नींद अच्छी आनी चाहिए। लोगों को हमेसा खुश रहना चाहिए और किसी भी काम को मन से करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य रखने के लिए लोगों को मशीनो से दूरी बनाकर रखना चाहिए। लोगों से मिलना चाहिए , अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए। अच्छे विचारों को मन में स्थान देना चाहिए। इससे मानसिक स्वास्थय ठीक रहेगा। कई लोग कंप्यूटर और मोबाइल में लगे रहते है जिसके कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। बच्चों के सामने किताबें पढ़नी चाहिए ,मोबाइल नहीं चलाना चाहिए।
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मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। साथियों, वो कहते हाँ न की मन स्वस्थ तो तन स्वस्थ यानि की मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह से स्वस्थ रहना। हम खुद को हर रोज फ्रेश और तरोताज़ा महसूस करे इसके लिए जरुरी अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना और यह हम सभी जानते भी हैं पर फिर भी हम इस मामले में बहुत ही लापरवाह होते हैं।क्यूंकि , शायद हम इस बात से अनजान होते हैं कि वास्तविक रूप में स्वास्थ्य का मतलब होता क्या है ? और हमारे जीवन में स्वास्थ्य की भूमिका क्या है? तो चलिए आज की कड़ी में इसी विषय पर बात करते हैं और जानते हैं कि हमारे लिए अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना क्यों महत्वपूर्ण है। क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना. तो आइये सुनते हैं स्वास्थ्य की महत्ता और स्वस्थ रहने के फायदों के बारे में। ....... साथियों अभी हमने सुना की हमारे लिए अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना क्यों महत्वपूर्ण है ? अब अगली कड़ी में जानेंगे की पैसो के बिना भी खुश कैसे रहा जाता है . तब तक आप हमें बताए कि आपको क्या लगता है, क्या स्वस्थ रहने का मतलब सिर्फ अपना वजन घटाना है? या फिर इसमें और भी कुछ चीजें होती है? आप के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से प्रभावित करता है और क्या आप ने ऐसा होते हुए कभी देखा है ? अगर हाँ तो अपनी कहानी हमें बताएं।आपके अनुसार हमारे वे कौन कौन सी आदतें होती हैं जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं ? दोस्तों, अगर आज के विषय से जुड़े आपके मन में कोई सवाल है तो हमें जरूर बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। हम कोशिश करेंगे उनका जवाब ढूंढ के लाने की। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
छतीशगढ राज्य के राजनंदगाँव ज़िला से वीरेंदर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि खुद से प्यार करना मतलब है खुद के शरीर का ध्यान दें। ज़रुरत से ज़्यादा शरीर से काम न करे , मशीन न समझे, खुद के स्वाश्य का ध्यान रखे,समय से नींद लें । इसके अलावा अलग आप खुद से प्यार करते है तो खुद का सम्मान करना सीखे। जैसे शरीर में जहरीली पदार्थ न डाले। आप अच्छे दोस्त बनाए ताकि अच्छे रिश्ते आपको सुकून दें।
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से वीरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि कई बार निर्णय एक दूसरे की नक़ल होती है। दूसरों को देखते हुए निर्णय कर लेते है और ये जानबूझ कर गलती कर दते है। अगर कोई व्यक्ति काम करने जाते है और उनको कोई पसंद आ जाती है वहां और शादी करने के लिए बोलते है तो लड़की अगर शादी करने से मना कर देती है तो उस व्यक्ति को मानसिक तनाव हो जाती है। अपने मन को शांत रखना चाहिए। मन को काम में लगा कर रखना चाहिए। निर्णय खुद न लेकर लोगों के साथ विचार कर के लेना चाहिए। इससे मानसिक तनाव नहीं होगा
महाराष्ट्र राज्य से जितेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि अगर लोग पुस्तक और पर्यावरण से जुड़े रहेंगे तो उनका मेन्टल हेल्थ अच्छा रहेगा। पेंड़ लगाने से और सुबह - सुबह घूमने से मेन्टल हेल्थ अच्छा रहता है। ऐसे पुस्तक पढ़ना चाहिए जिससे शिक्षा मिले और बच्चों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे लोगों का मेन्टल हेल्थ अच्छा रहेगा और वह अच्छे से काम कर पाएंगे।
मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। दोस्तों यह सच है कि एक निर्णय इंसान का जीवन बदल देता है। अगर सही वक्त पर सही निर्णय लिया जाये तो जीवन सुधर जाता है। लेकिन जल्दबाजी में लिए गए एक गलत निर्णय इंसान को अर्श से फर्श तक ले आता है. पर यह भी सच है कि कोई भी निर्णय लेने में हमारा मन और मस्तिष्क का बहुत बड़ा योगदान होता है. जी हां दोस्तों हमारे द्वारा लिया जाने वाले हर निर्णय के पीछे हमारा मन मस्तिष्क का खेल होता है तभी तो हम कई बार मानसिक दबाव में आकर इतने उलझ जाते हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि आखिर सही डिसीजन यनि की निर्णय कब और कैसे लिया जाए। हम अपने जीवन में सही निर्णय ले सके इसके लिए जरूरी है की हम अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें। क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं होती। .......तो चलिए, आज की कड़ी में जानते हैं की हमारे फैसलों में मानसिक स्वस्थ्य की क्या भूमिका है और हमें मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखना चाहिए। ...हां तो साथियों अभी आपने सुना की मानसिक तनाव का प्रभाव हमारे ऊपर कैसे पड़ता है। अब आप बताये कि क्या आपके साथ कभी ऐसा हुवा है कि आप जल्दबाज़ी में कोई फैसला लेने ही वाले थे पर ऐन वक्त पर किसी ने आप को रोक लिया हो और बाद में आप को समझ आया हो की आप का लिया गया फैसला गलत होता ? ऐसे स्थिति में कैसा अनुभव था आप का ? और आप के अनुसार हमारे ज़िन्दगी के फैसलों में करीबी लोगो की क्या भूमिका होती है ? क्या सच में ज़िन्दगी के बड़े फैसले हमें खुद ही लेने होते है ? या यह केवल एक सुनी सुनाई बातें है ?इस पर अपनी राय, प्रतिक्रिया या फिर इससे जुड़े आपके मन में कोई सवाल है तो वो भी हमें जरूर बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani