छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से विरेंद्र , मोबाइल वाणी ले माध्यम से यह बाना चाहते है कि महिलायें सशक्त हो रही है

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से विरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि फिल्मो से प्रभावित होकर लड़का और लड़की दोस्त बन जाते है और फिर लड़ाई करते है। लड़का तरह - तरह की धमकियां लड़कियों को देते है। लड़कियां अगर घर में बताती है तो घर वाले यह कह कर बात को टाल देते है कि स्कूल मत जाओ। लड़कियों को ग्रुप में रहना चाहिए जिससे उनकी ताकत बढ़ेगी और कोई छेड़ेगा नहीं। बुलिंग से बचने का यह तरीका है कि सबसे पहले लड़का और लड़की एक दूसरों को समझे तभी दोस्ती करें।

Transcript Unavailable.

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से विरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिला के साथ यौन शोषण रिस्तेदार और जहाँ वह काम करती है वहां के लोगों के द्वारा ही किया जाता है। जिसके कारण महिला खुल कर किसी को बता नहीं पाती है। वह शिकायत करने से डरती है। कई बार शिकायत होती है लेकिन उसकी सुनवाई नहीं होती है। कई बार जो शिकायत करता है उसी पर मुसीबत आ जाती है। इस तरह के घटना होने पर महिला का साथ देना चाहिए। तभी वह शिकायत दर्ज कराएंगी।

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव से वीरेंदर गन्धर्व ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भावनाओं का भंवर कार्यक्रम के अंतर्गत बताया कि एक ओर, यह सदियों से चला आ रहा है कि एक-दूसरे की ओर आकर्षित होना, उसे देखना, उसे छूना, उसका उपयोग करना एक सुखद आनंद माना जाता है। दूसरी ओर, समाज को लगता है कि पुरुष ने ऐसा किया है, तो वह चलेगा लेकिन महिला ऐसा नहीं करेगी। तनाव इसलिए आता है क्योंकि कोई पुरुष से कुछ नहीं कहता है, लेकिन महिला से समाज कहता है कि वह अशुद्ध हो गई है, आदि इसलिए तनाव आता है। इस तनाव से बचने की पहली बात है यानी जब हम एक नए युग में आए हैं, तो सबसे पहले तो आज-कल इस तरह की फिल्में मोबाइल में दिखाई जा रही हैं, टीवी पर फिल्में दिखाई जा रही हैं, जिससे इच्छा रखने वाले युवा तेजी से बढ़ रहे हैं। और समाज को इसके प्रति जागरूक होना होगा और महिलाओं पर दोषारोपण करना बंद करना होगा

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से वीरेंदर, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि चाहे सोच ग्रामीण हो या शहरी, रूढ़िवादी प्रथा हर जगह है और रूढ़िवादी प्रथा हमेशा नई विचारधाराओं से टकराती रही है। महिलाओं को आगे बढ़कर बदलाव लाना है तो उन्हें किसी भी क्षेत्र में कड़ी मेहनत करनी होगी। जो लोग चुनौती का सामना करते हैं वे आगे बढ़ते हैं। महिला अगर कोई काम करना चाहती है तो उनको चुनौतियां आती ही है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...