सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
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साथियों, मनुष्य एवं समस्त प्राणी जगत को जीवित रहने के लिए भोजन एक प्रमुख संघटक होता है। और भोजन पाना हर व्यक्ति का अधिकार होता है लेकिन दुर्भाग्य से दुनिया में हर किसी के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है कई लोग ऐसे हैं, जो हर दिन भूखे पेट सोने को बेबस हैं । लेकिन दूसरी ओर यह भी देखने को मिलता है की लोग भोजन की बर्बादी भी करते हैं। लोगों में भोजन के महत्व को समझाने और जरूरतमंद लोगों को दो वक्त के भोजन मिल पाए इस उद्देश्य से हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद दिवस मनाया जाता है।
माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि अगर माता पिता बाहर खाना खा रहे है तो बच्चे भी तो यही सीखेंगे। पहले के समय से बच्चों को घर का पौष्टिक भोजन मिलता था। इससे बच्चे स्वस्थ रहते थे और घर का ही खाना खाने का आदत रहता था। लेकिन आज के समय में माता पिता को पहले खुद की आदत में सुधार लाना है ताकि बच्चे देख कर सीखे। बच्चों को घर का पौष्टिक आहार दें ताकि बीमारियों से बचे।
माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बच्चों को बाहर का खानपान का आदत है क्योंकि ये आदत माता पिता ही डालते है । बच्चों का शारीरिक विकास पौष्टिक आहार से ही होगा तो बच्चों को घर का खाना खाने का ही आदत दिलवाना चाहिए। साथ ही बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहिए इससे बच्चों का बौद्धिक विकास रुक जाता है। बच्चों को टीवी में कार्टून के माध्यम से पशु पक्षी को दिखाया जाए,बच्चों जानवरों पक्षियों का अपनी तरह से नाम लेंगे। इस तरह बच्चों का विकास होता है। साथ ही घर में नशा पान नहीं होना चाहिए ताकि बच्चों पर गलत सन्देश न जाए। बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास करना है तो घर में ही सभी सदस्य प्यार से रहे ,बच्चों के साथ समय बिताए ,उनके साथ खेले और अच्छी फिल्मे दिखाए ,अच्छी जगह घुमाने ले कर जाए ताकि उनका विकास हो। खिलौनों से भी बच्चों का कौशल विकास होता है।
इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिला से वीरेंदर गन्धर्व ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस है। हर जीव जंतु को जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होता है। साथ ही उन्होंने बताया कि भोजन एक वरदान है, हमें उसकी कदर करनी चाहिए
दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!