छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से विरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बाटना चाहते है कि माता - पिता का व्यवहार बच्चों पर पड़ता है। पति और पत्नी को आपस में अच्छे से बात करना चाहिए। आपस में अच्छे व्यवहार रखना चाहिए। अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उस पर नज़र रखना चाहिए। शुरू से बच्चे पर ध्यान देने से वह मानसिक विकास में निश्चित रूप से मजबूत होगा

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें।

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव जिला से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मानसिक रूप से विकलांग बच्चे कई बार तरक्की नहीं कर पाते है। सबसे पहले माता पिता को ऐसे बच्चों के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। ऐसे बच्चों को प्यार से रखना चाहिए। अगर बच्चों को प्यार से सिखाया जाए तो वो अच्छे से बातों को समझ पाते है। बच्चों की शारीरिक बढ़ोतरी हो रही है पर मानसिक बढ़ोतरी नहीं होती है ,ऐसे बच्चों के साथ प्यार से पेश आये। बच्चों से छोटे छोटे काम कराते रहना चाहिए जिससे वो देख कर सीखे और आगे बढ़ कर आत्मनिर्भर बन पाए। ऐसे बच्चे आज्ञाकारी होते है और हमेशा बात मानते है ,इसीलिए ऐसे बच्चों को बचपन से काम करवाना चाहिए

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि अगर माता पिता बाहर खाना खा रहे है तो बच्चे भी तो यही सीखेंगे। पहले के समय से बच्चों को घर का पौष्टिक भोजन मिलता था। इससे बच्चे स्वस्थ रहते थे और घर का ही खाना खाने का आदत रहता था। लेकिन आज के समय में माता पिता को पहले खुद की आदत में सुधार लाना है ताकि बच्चे देख कर सीखे। बच्चों को घर का पौष्टिक आहार दें ताकि बीमारियों से बचे।

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.