हरियाणा राज्य के जिला जींद से विकास ,मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि मानसिक तनाव छोटे बच्चों को भी हो जाता है। स्कूल में बच्चों को मानसिक तनाव से बचने के बारे में जानकारी देना चाहिए ताकि आने वाले समय में बच्चे मानसिक तनाव से बच सके। हमेशा पॉजिटिव सोचना चाहिए

छत्तीसगढ़ राज्य के रंजनंदगाँव ज़िला से वीरेंदर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि तुलना करना ठीक है पर बहुत ज़्यादा तुलना करना गलत है ,पहले अपने बच्चों की क्षमता देखे। अगर बच्चों के अंक कम भी आये है तब भी उनकी प्रशंसा कीजिये और आगे के लिए तैयार करिये। माता पिता शिक्षित होते है तो बच्चों के साथ समय बिताए ,उनके साथ खेले और पढ़ाए भी। इस प्रकार बच्चे आगे बढ़ेंगे।

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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गांव से विरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि खेल के माध्यम से बच्चों को बहुत कुछ सिखाया जा सकता है। छोटे बच्चों को स्कूलों में खेलों के माध्यम से पढ़ाया जाना चाहिए। बच्चों को ऐसा खेल खेलना चाहिए जिससे वह कुछ सिख सके। खेल हमेसा से ही महत्वपूर्ण रहा है। बच्चों को खेल के माध्यम से समझाने पर अच्छे से समझ में आ जाता है

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3

महाराष्ट्र राज्य के नागपुर ज़िला से जीतेन्द्र ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जो बुलिंग का शिकार होते है वो सहते रहते है। जबकि उन्हें खुद की मदद करनी ,चाहिए आगे बढ़ कर बड़े लोग से सलाह लेनी चाहिए ताकि वो इससे उभर सके। साथ ही बुलिंग के शिकार हुए व्यक्ति द्वारा अपनी सकारात्मक अनुभव को साझा करना चाहिए ताकि अन्य लोग उससे सीख ले सके और उनमे बुलिंग से निकलने की हिम्मत आये।

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माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें।