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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव ज़िला से वीरेंदर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है किअगर माता पिता नशा के कारण झगड़ा करे या न करे ,बच्चों पर तनाव पड़ता ही है। जिनके घर में नशा करने वाले व्यक्ति है वो माहौल को ख़राब करते ही है। ऐसे में बच्चों को पहले से ही आदत बना लेनी चाहिए। ऐसी स्थिति में बच्चे खुद को कही और व्यस्त कर लें। जब माहौल शांत हो जाए तो वो घर वापस आ जाए। अगर व्यक्ति में संकल्प हो जाए तो व्यक्ति में बड़ा से बड़ा बुरा लत छूट जाता है।फिल्मों के कारण भी लोग नशा में डूबता है ,इसिलए ऐसी फिल्मों को बनाना चाहिए जिससे अच्छी सीख मिल पाए

मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां ,तो चलिए आज की कड़ी में सुनते हैं कि अगर घर में शराब या किसी तरह के नशे की वजह से लड़ाई झगड़े होते हैं तो आप क्या कर सकते हैं? साथ ही बताएं कि क्या आपके जीवन में कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है ? आपके हिसाब से इस तरह की परिस्थिति में अपने आपको तनाव मुक्त रखने के लिए क्या करना चाहिए ? और घर में नशे के कारन झगड़ों से बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है और उन्हें इस तरह की परिस्थिति से दूर रखने के लिए माता-पिता को क्या करना चाहिए ?साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani

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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिला से वीरेंदर ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आधुनिक युग में मानसिक विकार बहुत बढ़ गया हैं। इसका कारण यह है कि आजकल व्यक्ति अधिक तनावग्रस्त हो गया है, बहुत जल्दी चिंतित हो जाता है जिस कारण अधिकांश मानसिक विकार हो रहे हैं। इसका कारण यह भी है कि लड़के किसी स्थिति से जूझते हुए या कभी-कभी किसी शौक के साथ आते हैं, वे नशे की आदत डाल लेते हैं और जो विभिन्न प्रकार का नशा करते हैं, उन्हें भी नशे के कारण मानसिक विकार होते हैं।

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