छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिला से वीरेंदर गन्धर्व ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि चाहे दुःख का समय हो या सुख का परिवार बहुत जरूरी है। क्योकि परिवार ही दुःख में हमें सहानुभूति देता है और उत्सव में दुगुना चौगुना करने का काम परिवार ही करता है।

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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बच्चों को बाहर का खानपान का आदत है क्योंकि ये आदत माता पिता ही डालते है । बच्चों का शारीरिक विकास पौष्टिक आहार से ही होगा तो बच्चों को घर का खाना खाने का ही आदत दिलवाना चाहिए। साथ ही बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहिए इससे बच्चों का बौद्धिक विकास रुक जाता है। बच्चों को टीवी में कार्टून के माध्यम से पशु पक्षी को दिखाया जाए,बच्चों जानवरों पक्षियों का अपनी तरह से नाम लेंगे। इस तरह बच्चों का विकास होता है। साथ ही घर में नशा पान नहीं होना चाहिए ताकि बच्चों पर गलत सन्देश न जाए। बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास करना है तो घर में ही सभी सदस्य प्यार से रहे ,बच्चों के साथ समय बिताए ,उनके साथ खेले और अच्छी फिल्मे दिखाए ,अच्छी जगह घुमाने ले कर जाए ताकि उनका विकास हो। खिलौनों से भी बच्चों का कौशल विकास होता है।