छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि अगर माता पिता बाहर खाना खा रहे है तो बच्चे भी तो यही सीखेंगे। पहले के समय से बच्चों को घर का पौष्टिक भोजन मिलता था। इससे बच्चे स्वस्थ रहते थे और घर का ही खाना खाने का आदत रहता था। लेकिन आज के समय में माता पिता को पहले खुद की आदत में सुधार लाना है ताकि बच्चे देख कर सीखे। बच्चों को घर का पौष्टिक आहार दें ताकि बीमारियों से बचे।

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि एनकाउंटर के ज़रिये कई माओवादी ,आतंकवादी व अन्य अपराधी मारे जाते है। जो लोग बबरतता पूर्वक दुष्कर्म करते है ,वे लोगों का एनकाउंटर क्यों नहीं किया जाता है। इस कारण किसी पीड़ित का न्याय नहीं हो पाता है। इसमें पुलिस प्रशासन की खामियां व कोई राज़ नज़र आती है। पुलिस केवल शाबाशी बटोरने के लिए एनकाउंटर का कार्य किया जाता है। पहले के समय में न्याय का तरीका अच्छा था जिस कारण अपराधियों में दहशत रहती थी। उसी तरह ऐसा न्याय मिलना चाहिए जिससे अपराधियों में डर रहे और कोई भी गलत काम करने से पहले एक बार सोचे

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छत्तीसगढ़ राज्य से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं को शिक्षित किया जाए ,उन्हें हर वर्ग में अवसर दिया जाए ,जिससे वो सशक्त होगी। लेकिन अब तक महिलाओं को इंसान होने का हक़दार नहीं दिया है। महिलाओं को कई नाम से बुलाया जाता है ,उन्हें केवल उपयोग की वस्तु कह कर रखा जाता है। अगर महिला सुरक्षित महसूस न करे तो महिला कैसे सशक्त होगी। महिला कही भी काम करे उन्हें किसी न किसी के दबाव में रहना पड़ता है। अगर वो बात नहीं मानेगी तो उनके साथ गलत होता है। महिलाओं को सशक्त तब कह सकते है जब महिला को इंसान मान कर उनका सम्मान करे।

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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव वीरेंदर , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि जिस तरह से पुलिस काम करती है, वह जाति और धर्म के बीच भेदभाव करती है, इसलिए न्याय नहीं मिलता है। समाज में कई घटनाएं घटित होती है लेकिन अपराधियों को सजा नहीं मिलता है। पुलिस सिर्फ जांच करती है , लेकिन अपराधियों को पकड़ नहीं पाती है। जो हत्या करता उनको सजा क्यों नहीं मिलती है।

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