छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि लड़का हो या लड़की दोनों इंसान है ,तरह तरह की प्रतिक्रिया होनी ही है। पता नहीं समाज में क्यों ऐसी बात डाल दी गई है कि लड़कियों का काम रोना है और लड़को का नहीं है जबकि दोनों को भावना है। भावना आहत होंगे तो कोई भी रोयेगा। चाहे लड़का हो या लड़की ,जिस तरह से हंसने का अधिकार है उस प्रकार रोने का भी अधिकार है