छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि भेदभाव ,तुलना इसीलिए किया जाता था क्योंकि व्यक्ति नहीं चाहता की कोई उससे आगे बढ़े। यह सदियों से चलता आ रहा है। पहले महिलाओं को पढ़ाया नहीं जाता था। उच्च जाति के लोग निम्न वर्ग को आगे बढ़ाना नहीं चाहा। रचना रची गयी कि अशिक्षा में एक वर्ग के लोग शोषित हो। आज भी लोगों की सोच है कि वे ही आगे रहे और उनसे छोटे लोग पीछे रहे। हमे ऐसी सोच रखनी चाहिए कि हम मनुष्य है और हमारे अंदर भी गुण है और इसी से हमें आगे बढ़ना है।