आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का आधार हैं वन अभ्यारण जीवन क्षेत्र को व्यवसायिक क्रीड़ा क्षेत्र मत बनाएं पूंजीपतियों कंपनियों माफियों के शिकंजे में जंगल व्यवस्था विकास रोजगार के नाम पर आत्मघाती कदम..ना उठाए जबाबदार-समर्थ सदगुरु विकास के नाम पर वनों अभ्यारणों का विनाश क्यों? वन अभ्यारणों में जीवन छिपा जीवन को देखें हीरों को नही जंगल मे बसे गांव को गोद लेने तैयार समर्थ सद्गुरु जंगल से जीवन है गांव हैं पूंजीपतियों माफियो से नही विश्व स्तरीय नेचरपार्क,गौ अभ्यारण बनाए प्रकृति द्वारा बनाई संरचनाओं अमूल्य संपदा को बचाएं-समर्थ सद्गुरु आज विश्व पर्यावरण दिवस पर समर्थ सदगुरु बक्स्वाहा के जंगलों में पहुंच विश्व पर्यावरण दिवस वृक्ष रक्षा संकल्प दिवस के रूप में मनाया। पूंजीपतियों माफियों दबंगो व कंपनी के प्रलोभन से प्रभावित लोगों ने ग्रामीणों को भृमित कर रास्ता रोकने का प्रयास किया साथ ही मूल ग्राम के निवासियों को मिलने से रोका। शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाओं व रोजगार के नाम पर ग्रामीणों के साथ हो रही साजिश का आज समर्थ सद्गुरु भैयाजी सरकार ने अंत किया सगोरिया व प्रभावित गाँव को गोद लेने की बात कही।उनकी शिक्षा स्वाथ्य रोजगार संबंधी सभी समस्याओं का समाधान के लिए स्थायी उपाय संबंधी पक्ष रखा। समर्थ सदगुरु भैयाजी सरकार ने कहा अमूल्य वन संपदा परिक्षेत्र में विकास के नाम पर प्रस्तावित योजनाओं को आत्मघाती कदम बताते हुए जबाबदार जिम्मेदारों से बक्स्वाहा के जंगलों में प्रस्तावित डुमना हीरा खनन योजनाओं को तत्काल बंद कराने एवं वन परिक्षेत्र को संरक्षित करने किया आह्वान। वन अभ्यारणों में विकास व्यवस्था के नाम हो रहे निर्माण योजनाएं धर्म नीति के विरुद्ध। समर्थ सदगुरु की एक विनम्र अपील-जबाबदार जिमेदार व राजनीतिक दल संगठन से जुड़े लोग जल जमीन जंगल अभ्यारणों का संरक्षण सम्वर्धन के लिए ठोस कदम उठाये सच्चा धर्म निभाए जीवन क्षेत्र को राजनैतिक व्यवसायिक क्षेत्र ना बनाये। समर्थ सदगुरु भैयाजी सरकार ने कहा कि विकास व्यवस्था के नाम पर हम अमूल्य प्राकृतिक धरोहरों को खत्म नही किया जा सकता यदि हम ऐसा कर रहे है तो यह आत्मघाती कदम होगा।जीवन क्षेत्र को औधोगिक व्यवसायिक क्रीड़ा क्षेत्र मत बनाये।