मध्यप्रदेश राज्य के रीवा जिला के गोविन्दगढ़ से राजेंद्र कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता प्रस्तुत कर रहे है जिसमें उनका कहना है कि चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ,चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊँ,चाह नहीं देवों के सिर परचढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,मुझे तोड़ लेना बनमाली,उस पथ पर देना तुम फेंक,मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,जिस पथ पर जावें वीर अनेक।