झारखंड राज्य से दिव्या कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रकृति पर आधारित कविता प्रस्तुत कर रही है जिसमें उनका कहना है कि कलयुग में अपराध का बढ़ा अब इतना प्रकोप,आज फिर से काँप उठी,देखो धरती माता की कोख।समय समय पर प्रकृति,देती रही कोई न कोई चोट,लालच में इतना अँधा हुआ,मानव को नही रहा कोई खौफ।