राज्य मध्य प्रदेश के जिला सतना से मोबाइल वाणी के माध्यम से नीलम द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत कहानी चोरी का नतीजा में बताती है कि एक गांव में सोनप्यारी नाम की एक स्त्री रहती थी। उनका एक बेटा था।जब उनका बेटा छह माह का था। तब उनके पिता का मौत हो गया था। पिता के मौत हो जाने के बाद घर में सोनप्यारी को गरीबी सताने लगी। सोनप्यारी ने मजदूरी कर के अपना घर को चलाती थी।धीरे-धीरे बेटा दस वर्ष का गया। मन में सोचा की मेरी माँ गरीबी हालात में घर चला रही है।चोरी कर के धन इक्क्ठा करेंगे। एक रात सोनप्यारी का बेटा मंदिर गया। वहां से उसने सोने की मूर्ति उठा के लाया और अपनी माँ को दिया। उसकी माँ बहुत खुश हुई और बोली बेटा कहा से लाए हो।बेटा बोला माँ मैं मंदिर से चोरी करके लाया हूँ। उसकी माँ बहुत खुश हुई और मूर्ति को रख लिया।फिर एक दिन बेटा चोरी करने गया तो उसे पुलिस पकड़ लिया। पुलिस ने उनसे पूछा बेटा घर में कौन-कौन और रहता है। तो लड़का ने कहा मेरी माँ रहती है और उनके अलावा कोई नहीं रहता है। पुलिस ने उसकी माँ को बुलाया।और पुलिस ने लड़का का नाक और कान को काट दिया।उसकी माँ वहां आई और फूट-फूटकर रोने लगी तब लड़का ने चाकू उठाया और अपनी माँ का नाक और कान काट दिया फिर बोला माँ जब मैं चोरी कर रहा था ,तब तूने क्यों रोक नहीं लगाया।