मध्य प्रदेश राज्य के जिला रीवा से शिव जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि अभी फसल कटाई का समय है।ज़्यादातर लोग गेहूँ की बालियां काट कर, गेहूँ की डंठल को खेत में छोड़ देते है और बाद में उसको जला देते है जिससे मिटटी की उर्वरकता समाप्त हो जाती।अत: किसान डंठल को ना जलाये वरन जो भी भुसा और अन्य पदार्थ बचते है उसको मिटटी में गाड़ दे और कपोस्ट खाद बनाये,उसमे केचुंआ छोड़ दे अच्छे कम्पोस्ट से मिटटी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी । मिटटी की उर्वरकता बढ़ाने के लिए किसान बाद में खेतो में रासायनिक खाद और यूरिया का इस्तेमाल करते है।जो भोजन को जहरीला बना रहे है। जिससे कई तरह की बीमारियां लोगो और बच्चों को हो रही है।