श्रोताओं, "स्वच्छ भारत अभियान" भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया राष्ट्रीय स्तर का एक महत्वकांक्षी अभियान है . इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है स्वच्छ बनाना और पुरे देश को खुले में शौच से मुक्त करना। भारत सरकार ने इस अभियान की शुरुआत महात्मा गाँधी के जन्मदिवस के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014 को किया। और 2 अक्टूबर 2019 तक इस उद्देश्य को पूरा करने का का लक्ष्य निर्धारित किया है। दोस्तों, केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के लिए अलग से बजट तैयार किया गया।लेकिन तैयार किये गएँ बजट के अनुसार जमीनी स्तर पर कार्य होता नहीं दिख रहा।सरकार द्वारा दी गयी राशि खर्च तो हुई पर उद्देश्य की पूर्ति नहीं की जा सकी है। और अब इसकी पुरे प्रदेश में जाँच की जा रही है।श्रोताओं, आप हमे बताएं कि क्या सरकारी राशि के खर्च हो जाने के बाद इस राशि का हिसाब ले कर लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है ? इस बेहिसाब खर्च के बाद अब की जारी जाँच से आम जनता को क्या लाभ मिल सकेगा ?आखिर क्या वजह है,जो इतने बेहिसाब खर्चे के बाद भी जमीनी स्तर पर उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकी है ? और अगर पैसे खर्च हुए तो लोगों को इसका लाभ क्यों नहीं मिल सका ? आपके अनुसार सरकार की ओर से अब किस तरह के प्रयास किये जाने चाहिए इसका लाभ जनता को दिलाने के लिए ? साथ ही समाजिक स्तर पर किस तरह के प्रयास किये जा सकते हैं ,जिससे सही अर्थों में इसका लाभ लोगों को मिल सके।