मध्य्प्रदेश राज्य के सतना जिला से राजेश जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की हमारे देश में जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही आपदओं के जिम्मेदार हम खुद ही हैं।आज सुख सुविधाओं एवं आगे बढ़ने की अंधी दौड़ में हम इंसान खुद ही प्रकृति का दोहन कर रहे हैं।हम प्रकृति से बहुत कुछ लेते जरूर हैं पर वो वापस कुछ देते नहीं है जिसका परिणाम है देश में हो रही प्राकृतिक आपदाएँ जिसे पूरी दुनिया में तबाही होती दिखती है।हमारे पूर्वज खेतों में वर्षा के जल को एकत्र कर के रखते थे।लेकिन किसान भाई आजकल दो-दो फसलों के चक्कर में आज वर्षा का पानी बहने देते हैं जो गलत हैं।किसानो को एक चौथाई भूमि पर वर्षा के जल को एकत्र करना चाहिए।इसके साथ ही हम लोगों का यह प्रयास होना चाहिए की खाली भूमि पर ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करे। दुसरो को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें