मध्य प्रदेश के जिला छिंदवाड़ा से रविंद्र करमले मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि यदि शिक्षा का स्तर उठाना है ,तो हमें शिक्षक,विद्यार्थी,समाज,प्रशासन,शासन सभी को अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना होगा।यदि ऐसा हम नहीं करेंगे तो शिक्षा का स्तर कभी भी नहीं उठ सकता है।किसी एक को दोष देना उचित नहीं होगा हम सभी इसमें दोषी है।गिरते शिक्षा के स्तर में शिक्षक,विद्यार्थी,अभिभावक ,प्रशासन,शासन सभी भागीदार है।जब निरिक्षण का समय आता है तब शासन सिर्फ लेखा-जोखा देख लेता है।किसी छात्र से यह नहीं पूछा जाता है की आपको क्या पढ़ाये और क्या लिखाये ,अनुशासन क्या होता ,ये सारी बातें कोई सिखाता नहीं है और विद्यार्थी सीखना भी नहीं चाहते।शासन को ऐसे तरीके अपनाये जाने की जरुरत है,जिससे शिक्षक सही से अपना कार्य करे ,विद्यार्थी भी पढ़े और प्रशासन भी अपना नियमित रूप से कार्य करे।यदि ऐसा होता है तो निश्चित रूप से शिक्षा का स्तर उठेगा।