मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिला से श्रद्धा द्विवेदी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से तुलसी के पत्त्तों के औषधीय उपयोग के विषय में जानकारी दी।इन्होने बताया कि तुलसी की पत्तियों का उपयोग सर्दी,खाँसी,ब्रोंकाइटिस,दमा इत्यादि में किया जाता है।तुलसी की जड़ों का उपयोग बुखार कम करने के लिए एवं साँप काटने पर विष को समाप्त करने के लिए प्रतिविष के रूप में किया जाता है।इसके बीजों का उपयोग सर दर्द में लाभदायक होता है।पत्तियों का रस त्वचा में लगाने से त्वचा रोग में लाभ होता है।तुलसी के तेल से मालिश करने पर मच्छर के काटने से बचा जा सकता है।तुलसी के पत्तों को खाने व कुष्ठ रोग धब्बों पर मलने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है।इसके पत्तों को काली मिर्च के साथ खाने से मलेरिया बुखार पुनःनहीं चढ़ता है।इसके पत्तों के रस का सेवन चीनी के साथ करने से लू नहीं लगती है।तुलसी के रस का सेवन बच्चों को पेट दर्द,दस्त इत्यादि में लाभ पहुंचाता है।चेहरे पर मुँहासे,काले धब्बे ,झाँई इत्यादि होने पर तुलसी के पत्तों का रस लगाने से लाभ होता है।