भारत की 70-80 % आबादी कृषि और कृषि से सम्बंधित रोजगार में लगी हुई है।आजादी के बाद से ही सरकारों ने किसानो की स्थिति को सुधारने के लिए कई प्रयास किये। मध्यप्रदेश सरकार ने भी किसानों की स्थिति सुधारने के लिए पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का रोडमैप तैयार किया है। इसमें किसानों के खेतों पर एक हिस्से में उन्नत परम्परागत कृषि, एक तिहाई हिस्से में कृषि वानिकी, कृषि उद्यानिकी और एक तिहाई हिस्से में पशुपालन को मुख्य आधार बनाने का लक्ष्य रखा गया। ताकि किसानो की स्थिति में बेहतर सुधार हो सके।श्रोताओं आज इस योजना के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी किसानो को इसका लाभ नहीं मिल रहा है इसके क्या कारण है ? इस योजना के तहत किसानो को जो लाभ मिलना था क्या वो किसानो को मिल पा रहा है? क्या इस योजना से किसानो के आय में वृद्धि हुई है ? क्या कृषि लागत को कम करने के लिये उचित बीज दर, बीजोपचार,जैविक खादों तथा कीटनाशकों का उपयोग, सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा आदि देने के बारे में किसानो को कोई जानकारी है ? और इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।