मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ ज़िले से अशोक कुमार कुशवाहा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि,मलेरिया के मच्छर अधिकतर घर में कूलर या टायर में जमे पानी से पैदा होते है। इसलिए मलेरिया से बचने के लिए हमें अपने आस-पास गन्दगी को इकठ्ठा नहीं होने देना चाहिए। अगर किसी भी व्यक्ति को अगर किसी प्रकार यह बिमारी हो जाती है तो, उसे सबसे पहले अपने खून की जाँच कराना चाहिए। मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा ठंढ लगना , कपकपी होना,बुखार का आना, पानी से डर लगना , उल्टी आना आदि लक्षण हो सकते हैं। और समय रहते अस्पताल से इलाज़ कर दवाई की खुराक ले लेनी चाहिए। मलेरिया से बचने लिए सबसे पहले जहाँ पानी जमने का स्थान हो , वहां पर मिटटी का तेल डाल देना चाहिए।कूड़े-कचरे पर भी कीटनाशक छिड़क देना चाहिए। जहाँ तक हो सके आस-पास स्वच्छता रखे।और सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर चाहिए। मलेरिया से बचाव के लिए नीम के तेल का प्रयोग या नीम पत्ती को भी जलाया जाना चाहिए