साथियों, आपने वो कहानी तो सुनी ही होगी कि एक लकड़ी को तो कोई भी तोड़ सकता है लेकिन लकड़ियों के बंडल को तोड़ना आसान नहीं है.. कई मुश्किलें ऐसी होती हैं जिन्हें अकेले से ज़्यादा कई लोग मिलकर हल कर सकते हैं. जी हाँ यही है एकता की ताकत. इसी ताकत को आप तक पहुंचा रहे हैं हम अपने कार्यक्रम बदलाब का आगाज़ के ज़रिये, इसमें 16 दिनों तक बातें होंगी हिंसा के खिलाफ सक्रियता को लेकर।

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ये लिंग का भेद जिस दिन समाज से जायेगा, तब यहाँ रहने वाले हर एक लोग इंसान कहलाएगा।बदलाव के इस खूबसूरत सफर में आप भी हिस्सा लें लिंग और जेंडर के नाम पर होने वाले भेद-भाव और हिंसा पर अगर आपकी भी कोई कहानी है, तो देर मत कीजिये अपनी आवाज बुलंद कीजिये और अभी रिकॉर्ड कीजिये मोबाइल वाणी के साथ।